इन आयात को पढ़ने से मुसीबत से छुटकारा मिल जाता है।
‘इन्न फ़ी ख़लकि़स्समावाति वलअरजि़’ से ‘लअल्लकुम तुफ़लिहून।’ तक (आले इमरान)
SARKAR KHWAJA GAREEB NAWAAZ(Radi Allahu Anhu)
इन आयात को पढ़ने से मुसीबत से छुटकारा मिल जाता है।
‘इन्न फ़ी ख़लकि़स्समावाति वलअरजि़’ से ‘लअल्लकुम तुफ़लिहून।’ तक (आले इमरान)