इस आयत को पढ़ कर कश्ती या सवारी पर सवार होने से रास्ते की तमाम बलाओं से महफूज रहेगा। अगर किसी को सर्दी
का बुखार आता हो तो बेर की लकड़ी पर लिखकर गले में डालने से इन्शाअल्लाह शिफा होगी।
‘इन्नी तवक्कल्तु अलल्लाहि रब्बी व-रबिब्कुम। मामिन दाब्बतिन इल्ला-हु-व आखि़जुम बिना-सियतिहा।’